मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

सोमवार, 7 मई 2012

गजल
अप्पने देशमें बनल छि हम सभ परदेशी यौ
जन्मशिद्ध अधिकार सं बंचित छि सभ मधेशी यौ

शोषक शाषक कें बोली सं चलैय मधेश में गोली
मरैय मधेशी जेना लगैय माल जाल मवेशी यौ

नारकीय जिन्गी जीवै पर हम सभ छि मजबूर
करेज चुभैय बबुर जौं कियो कहैय विदेशी यौ

यी जन्मभूमि कर्मभूमि हमर स्वर्गभूमि मधेश
मधेश माए केर संतान हम सभ छि स्वदेशी यौ

बन्ह्की परल मधेश माए कल्पी कल्पी कानैय
स्वतंत्र मधेश के संविधान में करू समावेशी यौ
.................वर्ण-१९..............
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें