मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

मंगलवार, 15 मई 2012

गजल

हम त' छी कनेक नादान ताहि लेल चुप छी
ई जग अछि बेसी सियान ताहि लेल चुप छी

कतेक नुकाएल अन्देख में निर्मम निर्दय
अखनो अछि बड़ हेवान ताहि लेल चुप छी

नित मार काट  खून  खुनामय  होएत  रहै
मांगे अछि  दुष्ट वरदान  ताहि  लेल चुप छी

सभदिन होए अछि गर्भे में बेटी केर हत्या
मुदा बनलि सब अंजान ताहि लेल चुप छी 

जौं कहूना मैर क' बांचल जे बेटी समाज में
दहेज प्रथा लेतेन जान ताहि लेल चुप छी

कहवाक हिम्मत बहुते राखने छैक ''रूबी''
किन्नो भ्रष्ट नै होय सम्मान ताहि लेल चुप छी

--------सरल वार्णिक बहर वर्ण --१७----------
[रूबी झा ]

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें