टोपीमे लगै ई बुढ़ा झक्कास छै
बुढ़िया बिन अछैते मरै नै आस छै
गामक आइ केहन असल रखबाड़ छै
एको धुर बचल ओकरा नै चास छै
शिक्षा केर घरमें बिकाइ ज्ञान छै
आजुक राजनीतिक कतेक बिनास छै
बनबे लेल कनियाँ तकै अरदास छै
साढ़ू सारि ‘मनु’ बैंक खासम खास छै
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
रविवार, 26 नवंबर 2023
गजल
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गजल,
जगदानन्द झा 'मनु'
बुधवार, 22 नवंबर 2023
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आपस क दे ओ हमरा हमर बितल दिन
किरया तोरा द दे ओ सगर बितल दिन
आब ताकै कतौ नहि भेटतौ तोरा
खुशीसँ ‘मनु’क संग जे तोहर बितल दिन
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
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मंगलवार, 21 नवंबर 2023
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हे कृष्ण गोविंद मुरारी मिता हमर
सगरो दुनिया केर मालिक पिता हमर
छोरि ‘मनु’क करेजा किएक तू गेलअ
घुरि आबअ नहि तँ सजत आब चिता हमर
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
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गुरुवार, 16 नवंबर 2023
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तोरा नहि हम छोड़लौं नहि हम बेवफा
तोरा बिन नहि मरलौं नहि हम बेवफा
प्राण गेल तोहर बुझि नहि जीवैत ‘मनु’
बिन काठीए जरलौं नहि हम बेवफा
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
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मंगलवार, 14 नवंबर 2023
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मीरा केर हरने अहाँ कते दुख छी
साग खाय विदुरकेँ भेल बड्ड सुख छी
हे माधव ‘मनु’ केर अपन भक्ति दय दिअ
सबसँ सुन्नर दुनियामे अहाँक मुख छी
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
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