बाल उपन्यास “चोनहा”, एकटा बाल मनोविज्ञानपर आधारित उत्कृष्ट रचना अछि, जे एकटा किशोरावस्थाक बालक केर मोनक दशा आ समाज व परिवारक बिचक अंतर्द्वंद्वकेँ परोसने अछि। हमरा सभकेँ ख़ास कय एकटा पेएरेंटसकेँ अथवा पेएरेंटस बनब’सँ पूर्व एकटा पति पत्नीकेँ अवश्य पढ़वा चाही।
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सादर - जगदानन्द झा ‘मनु’
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