मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

गुरुवार, 12 जनवरी 2012

‎[एलखिन नवकि कनिया ]

एलखिन केहन देखू नवकि कनिया ,
मांथ पर नै आँचर पैर में नै पएजनिया,

आइंख में लागोने छथ वो करिया चश्मा,
काजरक आइंख में नै दरस बुझाबेयेन,

सिन्नुर क त गप छोइर दीआ ,
कनिको टा कपार पर में नै टिकुली,

अंग में नै वो पहिरने छथ साडी ,
कानो में नै छैन पहिरथ बाली ,

टुकुर-टुकुर कोना मुहं तके छथ ,
जेना छथ वो लड़की लन्दन वाली ,

जींस पेंट आ शर्ट पहिरने ,
लड़का सन छथ केश कटोने,

हाथ में देखू छथ मोबाइल दबोने ,
सास ससुर की वो सेवा करती ,
दूल्हा से अपन जे टहल करोती,

दूल्हा के समझथीन जेना नचनिया ,
एलखिन केहन नवकि कनिया ,

आइल छलो देखई लेल नवकि कनिया ,
अजगुत देखल अजबे अछि दुनिया ,

[रूबी झा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें