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रविवार, 24 अगस्त 2014

८३म सगर राति दीप जरय नन्द विलास रायक संयोजकत्वमे

८३म सगर राति दीप जरय नन्द विलास रायक संयोजकत्व मे भपटियाहीमे ३० अगस्त संध्या ६ बजे सँ ३१ अगस्त भोर ६ बजे धरि आयोजित अछि। ई आयोजन नारी केन्द्रित लघु आ विहनि कथापर आयोजित अछि। अहाँ सादर आमंत्रित छी।

शनिवार, 19 अप्रैल 2014

८१म' सगर राति दीप जरए, कथा गोष्ठीक आयोजक, मैथिलीक श्रेष्ठ आ स्थापित गजलकार, कथाकार श्री ओम प्रकाश झा जीसँ भेटवार्ता


सभार : मिथिलांचल टुडे पत्रिका  
८१ म सगर राति दीप जरए, कथा गोष्ठीक आयोजक, मैथिलीक श्रेष्ठ आ स्थापित गजलकार, कथाकार श्री ओम प्रकाश झाजीसँ मिथिलांचल टुडेक विशेष संवाददाता जगदानन्द झा ’मनु’क ओनलाइन भेटवार्ता।
मनु प्रणाम ! आ संगे संग मिथिलांचल टुडे परिवार दिससँ बधाइ आ साधूवाद जे अपने मैथिली साहित्यक विकासमे नित्य नव-नव डेग लए आगू बढ़ि रहल छी।
ओम प्रकाशजी, प्रणाम ! बिना अपने सभक समर्थन आ सहयोगकेँ कोनो डेग बढ़ेनाइ सम्भब नहि अछि
मनु, मिथिलांचल टुडेक मार्फत मैथिलीक सुधि पाठक अपनेसँ सगर राति दीप जरए कखन आ किनका द्वारा शुरू कएल गेल से जानैक इक्षा रखैत अछि
ओम प्रकाशजी, ई आयोजन स्व० प्रभाष चन्द्र चौधरीजी द्वारा लगभग दू दशक पूर्व शुरू कएल गेल छल । ऐ आयोजनमे हुनक संग जीवकांत आ अन्य कथाकार लोकनि छलाह जे मैथिली कथा साहित्यकेँ नव दिशा देबामे सफल भेल छलाह
मनु, कोना आ कतेक समय बाद एकर आयोजन होइत छैक ?
ओम प्रकाशजी, साधारणतः तीन मासपर एकर आयोजन होइत छैक आ एकर निर्णय आयोजनक दौरान भऽ जाइत छैक जे अगिला आयोजन कतय हएत
मनु, एहि आयोजनक खर्चा, व्यक्तिगत रूपे किनको द्वारा, कोनो सरकारी वा गैरसरकारी संस्था द्वारा, कोना होइत अछि ?
ओम प्रकाशजी, एकर खर्चा आयोजक दिससँ कएल जाइत छैक। कोनो सरकारी वा गैर सरकारी संस्थासँ खर्चा लेबाक रेबाज नै छै। सम्पूर्ण रुपे खर्चा आयोजक करैत छथि
मनु, पटना वा आन कोनो मैथिली अकादमीसँ कतेक सहयोग भेटरहल छैक ?
ओम प्रकाशजी, कोनो वितीय आ आन सहायता नै भेट रहल छैक आ नै कोनो वितीय सहयोग लेबाक अपेक्षा अछि। किएक तँ परिपाटीक मोताबीक खर्चा आयोजककेँ करऽ पड़ैत छैक।
मनु, एहिमे सम्लित सम्माननीय कथाकार लोकनिकेँ आमन्त्रण वा कोनो सूचना देल जाइ छनि की ओ सभ अपने अबैत छथि ?
ओम प्रकाशजी, इंटरनेट, दूरभाष आ पत्रक माध्यमे लोककेँ सूचना पठाओल गेल छन्हि। ओना ऐ आयोजनमे बिना सूचनाक सम्मिलित भेनाई वर्जित नै छैक किएक तँ पछिला आयोजनमे सार्वजनिक हकार दऽ देल जाइत छैक
मनु, की एहिमे कोनो कथाकार आबि सकैत छथि अथवा कोनो योग्यता वा मापदण्डक निर्धारण छैक ?
ओम प्रकाशजी, कोनो कथाकार आबि सकैत छथि, कोनो योग्यता वा मापदण्ड नै निर्धारित छैक
मनु, की ई मानल जेए जे सगर राति दीप जरए कथा गोष्टीसँ नव-नव कथाकार सभकेँ हुनका अपन लेखनीमे निखारैक अबसर आ अपनाकेँ दुनीयाँक सामने आनैमे मददगार साबित भऽ रहल अछि ?
ओम प्रकाशजी, हाँ, ई गप्प अपने बेस कहल, ऐ आयोजनक मार्फत ढेर रास नव-नव कथाकार सोझाँ आबि रहल छथि। प्रत्येक आयोजनमे कोनो नै कोनो नव कथाकार चमत्कारी रुपे कथा साहित्यकेँ भेटिए जाइत छैक। तैँ ई कहलामे कोनो हर्ज नै जे ई आयोजन नव कथाकार सभकेँ दुनियाँक सोझाँ आनबामे मददगार साबित भऽ रहल अछि
मनु, आइ काल्हि मैथिली साहित्यमे गुटबाजीक प्रचलन बहुत बढ़ि गेल अछि। बहुत रास लोग एहन-एहन नीक आयोजन सभकेँ अपन स्वार्थ कारणे असफल करैक चेष्टामे लागल रहैत अछि, की एहन तरहक समस्याक सामना अहुँ सभकेँ करए परेत अछि ?
ओम प्रकाशजी, देखियौ, गुटबाजी जँ प्रगतिशील समाजक निर्माण हेतु होइत छैक तँ कोनो हर्ज नै मुदा समाजकेँ पाछाँ ढकेलबाक प्रयास करएबला गुटबाजी अहितगर होइत छैक। हमरा ऐ गुटबाजीसँ कोनो असुबिधा नै भेल अछि आ नै हएत किएक तँ समाजक आशीर्वाद हमरा संग अछि।
मनु, एहि तरहक गुटबाजी साहित्य विशेष कए मैथिली साहित्य लेल कतेक अहितगर अछि?  
ओम प्रकाशजी, साहित्यक मुख्य काज भाषाक संग समाजक प्रगति सेहो अछि। जँ गुटबाजी प्रगतिशील समाज आ साहित्य बनेबामे सहायक होइत छैक तहन तँ गुटबाजी कोनो अहितगर नै छैक। मुदा समाज वा साहित्यकेँ पाछाँ ढकलै बला गुटबाजी हरदम खराप ओइत छैक।
मनु, ई ८०-८१ कि मामला अछि ?
ओम प्रकाशजी, ई ८०-८१ आयोजनक संख्या बतबै छैक। हमरसँ पूर्व निर्मलीमे श्री उमेश मंडल जीक द्वारा ८० म कथा गोष्ठीक आयोजन भेल छल। हम ८१ म कथा गोष्ठीक आयोजन देवघरमे कऽ रहल छी।
मनु, अपनेसँ गप्प कए कऽ बड्ड नीक लागल। माँ भगवतीसँ एकर सफल आयोजनक कामना करैत, अन्तमे अहाँक मिथिलांचल टुडेक द्वारा नव रचनाकार अथवा कथाकारकेँ लेल कोनो मार्गदर्शन वा सुझाव।

ओम प्रकाशजी, धन्यवाद ! नव रचनाकार आ कथाकारकेँ ई धेआनमे राखबाक चाही जे साहित्य समाजक ऐना होइत छैक तैँ समाजक समस्या साहित्यक केंद्रमे रखबाक कोशिश करबाक चाही। समाजकेँ प्रगतिशील बाटपर चलेनाई सेहो नव साहित्यकारक संग सभ साहित्कारक धर्म अछि। प्रगतिशील समाज आ साहित्यक निर्माण साहित्यकारक सफलताक निशानी थिक। हमर शुभकामना सब नव साहित्यकारक संग अछि आ हम कामना करैत छी जे कलमक ई सिपाही लोकनि प्रगतिशील समाजक निर्माण करबामे सफल हेता।              

सोमवार, 24 मार्च 2014

८१म सगर राति दीप जरय कथा गोष्ठीक आयोजन देवघरमे सम्पन्न

८१म सगर राति दीप जरय कथा गोष्ठीक आयोजन देवघरमे २२ मार्च २०१४ शनि दिन संध्यासँ २३ मार्च २०१४ रवि दिन भोर धरि सम्पन्न। ई आयोजन देवघरमे बमपास टाउन स्थित "बिजली कोठी" नम्बर ३ मे श्री ओम प्रकाश झा जीक संयोजकत्वमे सम्पन्न भेल।
८२ म सगर राति ३१ मइ २०१४ केँ मेँहथ गाममे हएत। ई विशुद्ध रूपसँ बाल कथा (विहनि आ लघु कथा) विशेषांक रहत। संयोजक- गजेन्द्र ठाकुर।

मंगलवार, 5 मार्च 2013

दहेज मुक्त मिथिलाक सफलतम २ वर्ष पूरा



दहेज मुक्त मिथिलाक सफलतम २ वर्ष पूरा


दहेज मुक्त मिथिला: तेसर वर्षमें प्रवेश(विशेष प्रतिवेदन)
  
दहेज मुक्त मिथिला आइ ३ मार्च २०१३ तेसर वर्षमें प्रवेश पौलक - विगत दू वर्षमें उपलब्धि सामान्य सऽ सेहो निचां रहल जेना हमर अनुभूति कहि रहल अछि। असफलता-सफलताक द्वंद्वमें फँसबाक लेल नहि, लेकिन आत्मनिरिक्छण लेल ई जरुरी जे दुनू विन्दुपर समीक्छा जरुर कैल जाय।

सफलता आ असफलताक सूची:सफलता १. सौराठ सभागाछी पुन: उत्थान हो ताहि लेल सार्थक सहकार्य। २०११ व २०१२ दुनू वर्ष।
  
असफलता १. बहुतो युवा द्वारा गछलाके बादो सभामें नहि आबि चोरा-नुका के विवाह करब घोर असफलता आ शायद आरोपके सिद्ध करयवाला जे कहयकाल मात्र दहेजके परित्याग लेल शपथ लेल गेल लेकिन विवाह घडी चोरा-नुका कार्य करब याने अवश्य किछु संदेहास्पद व्यवहार तरफ इशारा करैत अछि।
  
सफलता २. दहेज मुक्त मिथिला लेल पूर्ण प्रजातांत्रिक चुनाव अनलाइन सभा द्वारा करैत एक कार्यकारिणीक गठन।
  
असफलता २. मैथिलक आम स्वभाव जे आपसमें मेलके कमी, व्यक्तिवादी बनैत मुद्दाके दरकिनार करैत केवल आपसमें घमर्थनबाजी करब तेकर खुलेआम प्रदर्शन आ विभिन्न बहाने पलायनवादी मानसिकताक प्रदर्शन। एकजूटतामें कमी, अभियानक गतिमें शिथिलता।
  
सफलता ३. दहेज मुक्त मिथिला लेल वेबसाइटके निर्माण, फीचर व फेसिलिटी पर सुन्दर समझदारीक संग कार्य संचालन सँ एक कीर्तिमान स्थापित कैल गेल।
  
असफलता ३. उपरोक्त वेबसाइट के समय-समयपर स्थिति-परिस्थिति अनुरूप बदलैत आम जन लेल उपयोगी बनेबाक छल, लेकिन वेब एडमिनिस्ट्रेटर राजीव झा'क व्यक्तिगत व्यस्तता वा अन्य कारणे आवश्यक आश्वासनक बावजूद कोनो कार्य पूरा नहि होयब बहुत पैघ असफलताक द्योतक, एकर समाधान लेल समुचित सहकार्य के पूर्ववत् राखब जरुरी या नहि तऽ नव वेबसाइट निर्माण लेल कदम उठेबाक आवश्यकता।
  
सफलता ४. २०११ अगस्तमें विराटनगरमें संकल्प दिवस भव्यताक संग मनायल गेल - सैकडों जनसमूह दहेजक कूप्रथा विरुद्ध शपथ लेलाह। नेपालक विभिन्न एफ-एम पर अभियानक जोर-शोर सँ आवाज भेटब - हिन्दुस्तान, प्रभात खबर, जागरण लगायत नेपालक विभिन्न पत्र-पत्रिकामें अभियान प्रमुखता सँ जगह पेलक जेकर सार्थक संवाद सँ लाखों जनसमूह लाभान्वित भेल। 
  
असफलता ४. २०११ में दिल्लीमें राष्ट्रीय अधिवेशन करबैत सगर मिथिलामें दहेज विरुद्ध शंखघोषके महा-योजना विफल। कारण अनेक - दिल्लीमें संगठनके कोनो मजबूत रूप नहि, जे संग वैह द्रोही... आ कतेको अन्य कारण। फलस्वरूप कार्यकारिणीमें आपसी कलह आ टूट-फूट, एक नव संस्थामें एहि तरहक व्यवहार सँ कमजोरी आयब स्वाभाविक।
  
सफलता ५. २०११ के दुर्गा पूजामें गाम-गाम भ्रमण आ अभियानक प्रचार।

असफलता ५. अभियानमें अपेक्छा सभ सदस्य सँ रहितो बहुतो गाम पधारल सदस्य द्वारा कोनो व्यक्तिगत प्रयास नहि कयला सँ हतोत्साहके प्रसार।

सफलता ६. २०११ दिसम्बरमें विराटनगरक अन्तर्राष्ट्रीय मंच सँ जनसमूह द्वारा दहेज मुक्त मिथिलाक अभियान प्रति समर्थन हेतु सहयोग के आह्वान, नेपालमें दमुमि निर्माण लेल करुणाजी द्वारा प्रतिबद्धता आ सफलतापूर्वक संस्थाक पंजियन कार्य पूरा। 

 असफलता ६. आन्तरिक राजनीति आ आरोप-प्रत्यारोप सँ पुन: आपसी विश्वासमें ह्रास, पंजियन उपरान्त सोचल कार्य में देरी। 
  
सफलता ७. सौराठ सभामें जानकी नवमी मनयबाक कार्य पूरा।
  
असफलता ७. जाहि तरहक विचार गोष्ठी करेबाक नियार छल ताहिमें घोर कमी - पुन: आपसी विश्वासमें कमीके कारण तथा अनावश्यक शंका तथा गैर‍-जरुरी राजनीतिक हस्तक्छेप सँ अभियानकेँ हतोत्साहित कैल गेल। खर्चक बावजूद आवश्यक उपयोगितामें अकाल।
  
सफलता ८. सौराठ सभा २०१२ में दू दिन सफलतापूर्वक सहभागिता।
  
असफलता ८. सौराठ सभा २०१२ में राजनीति हस्तक्छेपके कारण शिथिलता।
  
सफलता ९. दुर्गा पूजा २०१२ में पुन: गाम-भ्रमण आ सौराठ धरोहर के पुनरुत्थान संग माँगरूपी दहेजक प्रतिकार लेल प्रत्येक गाममें एक समिति निर्माण लेल अनुरोध। आगामी सौराठ सभा २०१३ तक एकर प्रतिवेदन प्रकाशन करबाक नियार।

असफलता ९. हरेक कार्य करबाक लेल समूहगत प्रयासके सार्थकता बुझबा में अधिकांश सदस्य असमर्थ आ बस केवल आपसी कट्टी-फट्टी खेल में महत्त्वपूर्ण कार्य करबा तरफ किनको ध्यान नहि होयब।

सफलता १०. राष्ट्रीय स्तर केर पंजियन लेल समस्त कागजी कार्य पूरा - दिल्लीमें आवेदन जमा। पंजियनक प्रक्रिया निरंतरतामें।

सफलता ११. सौराठ सभा २०१२ सँ दू दूल्हाक दहेज मुक्त विवाह करबाक कारणे सम्मान कार्यक्रम विराटनगर के अन्तर्राष्ट्रीय मंच सँ नेपालक उप-प्रधान तथा गृहमंत्री विजय कुमार गच्छदार द्वारा प्रशस्ति पत्र तथा उपहार प्रदान करबाक कार्यक्रम दहेज मुक्त मिथिला (नेपाल) - अध्यक्छा श्रीमती करुणा झा आ सहकार्य मैथिली सेवा समिति - विराटनगर।

असफलता ११. मधुबनीमें औझके दिन तेसर वर्षगांठ मनयबाक लेल अन्तर्विद्यालय स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता सँ युवा-पीढीक मानसिकता ऊपर आवश्यक प्रेरणा-स्थापना पर परीक्छा आ संयोजकक अनावश्यक भय तदोपरान्त पलायनवादी मानसिकताक कारणे विफलता।

आगामी योजना:

१. अप्रील २०१३ में मधुबनीमें ‌प्लस २ स्तर के परीक्छा देल छात्र-छात्रा द्वारा दहेज विषय पर वृहत् वाद-विवाद प्रतियोगिताक आयोजन।


२. कम से कम एको गाम में ५ गरीब छात्राक पढाई करेबाक लेल संस्था द्वारा गोद लेबाक प्रक्रिया।


३. नेपालमें प्रत्येक महीना विद्यालय-महाविद्यालय स्तरीय युवा-युवती द्वारा वैचारिक आदान-प्रदान तथा सी-एफएम राजविराज द्वारा रेडियो प्रसारण।


४. जानकी नवमी मनेबाक लेल दरभंगा जिलामें कार्यक्रम। सौराठ सभा तर्ज पर वैवाहिक योग्य युवा-युवतीक लेल सभा आयोजन पर समूह-बहस कार्यक्रम।


५. हरेक जिलामें किछु न किछु कार्यक्रम करबाक नियार। संयोजन लेल स्थानीय कार्यकर्ता व संरक्छक के खोज निरंतरतामें।


एवं बहुतो अन्य! 

महत्त्वपूर्ण नोट:१. दहेज मुक्त मिथिला कोनो एनजीओ नहि छी - ई स्वस्फूर्त एवं स्वयं-सहयोगी युवा ताहू में अपन पैर पर ठाड्ह ओहेन युवा शक्ति जिनकामें किछु सार्थक कार्य करबाक लेल त्याग करबाक संग समर्पित रहबाक प्रतिबद्धता सेहो छन्हि। ताहि हेतु शुरुएमें पहाड ढाहय के सपना देखब अतिश्योक्तिपूर्ण अपेक्छा करब होयत। स्पष्ट करी जे आइ धरि लगभग लाख में खर्च कैल गेल अछि जे मात्र जनमानसमें ई चर्चा शुरु करा सकल अछि जे दहेज मुक्त मिथिला नामक अभियान जमीनपर उतरल अछि, आ जखन नामक चर्चा शुरु भेल तऽ अवश्य एकर शीघ्र सार्थक प्रभाव सेहो देखय में आयत। लेकिन दिल्ली एखनहु एहि लेल दूर अछि जे आन्दोलनमें जुडनिहार लोकके संख्या लगभग नगण्य अछि। २०१३ ई. एहि सपना के पूरा करत तेकर पूर्ण तैयारी अछि। 

२. दहेज प्रथा आ सम्बन्धित अनेको बात लेल समाजमें बहुतो तरहक भ्रम-भ्रांति पसरल अछि, ताहि सभके समाधान लेल हमरा लोकनिक शोध कार्य निरन्तरतामें अछि। एहि सभ के अध्ययन लेल निम्न लिंक सभ पर जरुर विजीट करी।
  

  
  

(उदाहरणार्थ: दहेज ओ नहि जे लडकीवालाक माँग विरुद्ध माँग कैल गेल हो, बल्कि समस्त माँग जे लैंगिक विभेद उत्पन्न करैत हो आ आपसी विश्वास व स्वेच्छाचारिताक विरुद्ध हो। आदर्श विवाह केहेन हो। दहेज पर भारतीय संविधान कि कहैत अछि। समूहमें कोन लडका वा लडकी अपन विवाह दहेज मुक्त करय लेल चाहैत छथि। एहेन बहुत तरहक तथ्यांक व सैद्धान्तिक निरूपण करबाक निरन्तर प्रयास करबाक लेल हम सभ दृढ-प्रतिग्य छी।)

दहेज मुक्त मिथिला कार्यालय (भारत): ई -७५, सोम बाजार, नन्हे पार्क,नयी दिल्ली ११० ०५९,भारत।
फोन: ०९९१०६०७७२० (संतोष नारायण चौधरी ) एवं ०९३१२४६०१५० (मदन कुमार ठाकुर )।




कार्यालय (नेपाल):राजविराज - ७, सप्तरी, नेपाल।फोन: ००९७७-३१-५२२८३०.