निर्मल मोन सँ बाबाजी दए छथि आशीष।
खाता नंबर अहाँ लिखू, जमा कराबू फीस।
जमा कराबू फीस, बिगडल काज बनत,
केनेए जे हरान, से सबटा कष्ट जरत।
कहैए "ओम" धरू बाबाक चरण-कमल,
फीसक लियौ रसीद, भेंटत कृपा-निर्मल।
मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra- Dedicated to Maithili Literature and Language