पी कs शराब जे बनैय नबाब
झूठ जिन्गी के ओ करैय बचाब
पी क शराब जे देखाबै नखरा
जमाना ओकरा कहैय खराब
नीसा सं मातल ओ ताडिखाना में
लडैत पडैत पिबैय शराब
ओ खोजैय प्रीतम के बोतल में
बोतल शराब लगैय गुलाब
---प्रभात राय भट्ट -------
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