की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। sadhnajnjha@gmail.com पर e-mail करी Or call to Manish Karn Mo. 91 95600 73336

सोमवार, 9 अप्रैल 2012

विहनि कथा-नव अंशु

विहनि कथा-नव अंशु
प्रभात बाबू माँजल संगीतकार-गायक आ शिवाजीनगर काँलेजक संगीत विभागक प्रधान प्रोफेसर छलखिन ।एक बेर पटना सँ प्रोग्राम क' ट्रेन सँ गाम आबैत छलाह ।भरि रातिक झमारल तेँए आँखि बंद केने सुतबाक अथक कोशिश केलनि मुदा हो-हल्ला सँ नीन कोसोँ दूर भागि गेल ।तखने एकटा नारी कंठ कोलाहल के चिरैत हुनक कान के स्पर्श केलकै ,आरोह-अवरोह के फूल सँ सजल सप्त-सुरी माला मे गजबे आकर्षण छलै । प्रभात बाबू आँखि खोलि चारू कात हियासलाह मुदा केउ देखाइ नै देलकै ,मुदा आभास भेलै जे ओ कोकिल-कंठ लग आबि रहल छै ।कने कालक बाद लागलेन जे ओ बगल मे आबि गेल छै ,आंखि खोललनि त' नीच्चा 10-12 वर्षक बच्ची झारू लेने फर्श साफ करैत आ लोक सब के एक टकिया दैत देखलनि ।प्रभात बाबू ओकरा लग बजा नाम-पता पुछलनि ,हुनका बूझहा गेलै जे ओहि अनाथ मे शारदा बसल छथिन ।ओकरा अपना संग चलबाक लेल आ नीक स्कुल मे नाम लिखा देबाक बात कहलनि , ओ तैयार भ' गेल ।अपना लग बैसा प्रभात बाबू गीत सुनैत रहलखिन ,ओकर हर-एक स्वर संग दुनूक दिल सँ निकलैत नव किरण आँखिक बाटे निकलि सगरो संसार के प्रकाशित क' रहल छल ।आशक नव अंशु पिछला जीवनक अन्हार के इजोर क' देने छल ।
अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें