बनिकय अजगर कत्तेक दिन
शादी तऽ एक संस्कार छी
जीबय असगर कत्तेक दिन
बिना काज के मान घटत नित
फूसिये दीदगर कत्तेक दिन
बैसल देहक काज कोन छै
एहने मोटगर कत्तेक दिन
आबहुँ जागू सुमन आलसी
खेबय नोनगर कत्तेक दिन
मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra - Dedicated to Maithili Literature & Language
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें