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सोमवार, 30 अप्रैल 2012

गजल

किए एखन दिल हमर शाइर बनल छै
लिखल जेकर नाम ओ एखन कटल छै
बनाबी हम रूप जे शब्दक नगर मे
नगर ओकर नैन के लागै जहल छै
गजल जेहन हम लिखै सबदिन छलौँ से
कहाँ हमरा मोन मे ओहन गजल छै
दिनक काटै रौद रातिक चान धधकै
बहर मारै जान पथ काँटक बनल छै
कखन हारब जीवनक अनमोल पारी
"अमित" जा धरि छी करै शेरक कहल छै
मफाईलुन-फाइलातुन-फाइलातुन
1222-2122-2122
बहरे - सरीम
अमित मिश्र

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