महानगरीय
जीवनक अव्यवस्थित आ व्यस्त जीवनमे समयकेँ आगू लचार आजुक जीवन शैली |
रामप्रकाशकेँ माए अपन बेटा-पुतहु आ
पाञ्च बर्खक पोता कए दर्शन आ किछु दिन हुनक संग बिताबैक लोभमे अपन गामसँ दिल्ली रामप्रकाश
लग एलथि |
रामप्रकाश एहिठाम सरकारी दू
कोठलीक मकानमे रहै छथि | माए
कए आगमनक बाद, जगहकेँ दिक्कत कारणे हुनकर ओछैन बालकोनीमे एकटा
फोल्डिंग खाटपर लगाएल गेल |
रातिमे एसगर निन्दक अभाबे
करट बदलैत, माएकेँ मनमे ओहि दिनक सुमरण आबि गेलन्हि,
जखन गामक फुशकेँ एक कोठलीक घरमे केना ओ दुनू बियक्ति अपन
तिनटा बच्चा संगे गुजारा करैत छलथि, मुदा आइ एहिठाम ओ बच्चा दू कोठलीक घरमे माएक निर्वाहमे असमर्थ बालकोनीमे
ओछैन केलक |
माएकेँ
आँखिसँ नोरक बूंद टपकैत, नै
जानि केखन आँखि
लाइग गेलन्हि |
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