मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

रविवार, 1 अप्रैल 2012

गजल@प्रभात राय भट्ट


गजल:-

जिन्गी तोंहू केहन निर्दय निष्ठुर भSगेलाए
छन में सभ सपना चकनाचूर कSदेलाए


छोट छीन छल बसल हमर नव संसार
संसार सं किएक तू हमरा दूर कSदेलए


दुःख सुख तं जीवन में अविते रहैत छैक
मुदा दुःख ही टा सं जिन्गी भरपूर कSदेलए


भईर नहि सकैत छि अप्पन दिल के घाऊ
चालैन जिका गतर गतर भुर कSदेलए


उज्जारही के छलौं हमर जीवनक फुलबारी
तेंह दिल झकझोरी किएक झुर कSदेलए


तडपी तडपी हम जीवैत छि एहन जिन्गी
जिन्गी तोंह दिल में केहन नाशुर कSदेलए


कर्मनिष्ठ बनी कय कर्मपथ पर चलैत छलौं
नजैर झुका चलै पर मजबूर कSदेलए
.............वर्ण-१७........
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें