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शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

< मिथिलाक पोखरि >

मिथिलाक गाम गाम में चर्चा छै घर -घर
दू-चरि टा छै सब ठाम सरोबर
पुरैनक पात हरियर - हरियर
कमलक फुल सुन्नर -सुन्नर
मखानक फुल मन कए लोभाबई
अनुपम दृश्य मुर्झायल फुल खिलाबई
रंग -बिरंगक माछ बसै छै
मिथालक जे शान कहाइ छै
पोखरि किनार शिव जी बिराजैथ
नहा एतै सब जल चढ़ाबैथ
बरखा रानी सब साल आबू
मिथिलाक पोखरि भरि कए राखू
हमहूँ जाइ छी माछ मारै लेल
पोखरि में स्नान करै लेल
अमित मिश्र

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