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गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

{{ होली कए गजल}}

चढ़लै फगुआ सुनि लिअ ,
मस्ती चढ़ल छै जानि लिअ ,
जोगीरा संग झुमै जाउ यौ ,
मौसम सँ खुशी छानि लिअ ,
रोक-टोक नै सब पिने छै ,
झुमु-नाचु छाती तानि लिअ ,
लाल पियर गुलाबी कारी ,
सब रंगक गड्ढा खुनि लिअ ,
अबिरक खुशबू गमकै ,
रंगक चादर तानि लिअ ,
रामा छै सासुर मे बैसल ,
सारि कने रंग मानि लिअ ,
अबिर द' क' गोर लागै छी ,
माथ हम्मर ,हाथ आनि लिअ . . . । ।
अमित मिश्र

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