मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

सोमवार, 6 फ़रवरी 2012


गजल@प्रभात राय भट्ट


                                       गजल
चंचल मोनक भीतर परम चैतन्य उर्जा सुषुप्त भेल अछि 
मोह लोभ क्रोध रिस रागक तेज सं आत्मा सुषुप्त भेल अछि

दुष्ट  मनुख आतुर अछि करैए लेल मनुखक सोनित पान
दानवीय प्रबृति केर दम्भ सं मानव रूप विलुप्त भेल अछि

जन्मलैत छलहूँ बालेश्वर, कुमारी कन्या पूजैत छल संसार
आयु बढ़ैत सभ सुमति बिसारि कुमति संग गुप्त भेल अछि

स्वार्थलिप्सा केर आसक्त मनुख जानी सकल नहीं जीवन तत्व
परालौकिक परमानन्द बिसारि सूरा सुंदरी में लिप्त भेल अछि

दुर्जन बनल संत चरित्रहीन महंथ बदलैत ढोंगी रूप
अकर्मनिष्ठक कुकर्म सं गुण शील विवेक सुषुप्त भेल अछि
....................वर्ण-२४......................................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें