मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

बुधवार, 1 फ़रवरी 2012

गजल@प्रभात राय भट्ट

कुमुदिनी  पर  भँभर    मंडराइए  किए
यौ पिया कहू ने  करेज   घबराइए   किए

भँभर कुमुदिनीसँ  मिलन करैत छैक
यै  सजनी अहाँक करेजा  हहाइए  किए

मोनक बगियामे  नाचैए  मोर मयूर यौ
प्रीतक  उमंगसँ  मोन   छतराइए  किए

अहाँक  रोम रोममे अछि प्रेमक तरंग
अहाँक संग हमरा एते  सोहाइए किए

प्रीतक बगियामे कुहकैए  छैक कोईली
मधुर स्वर सुनि  मोन  लहराइए  किए

मोन उपवनमे   भरल प्रीतक श्रृंगार
एलै मधुर घरी  मोन  घबराइए  किए

..........वर्ण:-१६..........

रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें