गे में कोरा में उठा ले हमरा ,ह्रदय स लगा ले
आयल छि तोरा शरण में चरण स लगा ले
गे में ........................................................
हमहू तोरे सखा छि , भाटैकी हम गेल छि
माया आ लोभ में , सहती हम गेल छि
गे में अंचार में नुका ले हमरा नयन में समां ले
गे में ............................................................
माँ नै कुमाता होई छई, हमही कपूत छि
हमरा विसरी नै ऐना , हमहू तोरे पूत छी
गे में दया तों देखा दे हमरा दुबई स बचा ले
गे में ............................................................
दस हाथ बाली मैया , कते के बचेलें
हमरा बेर में जननी नजरी फेर लेलें
गे में एक बेर फेर अपना करेजा स लगा ले
गे में .........................................................डेगे डेगे दुनियां हमरा, ठोकर मरईये
आंखी स नोर झहरे, रोकलो ने जाईए
गे में टुटल आनंद के तों आश फेर बन्हा दे
गे में ........................................................
रचना कर आनंद झा
नोट :कृपया एही कविता के कोनो अंश या कविता हमरा स बिना पूछने उपयोग नै करी अन्यथा क़ानूनी समाश्या के झेले पारी सके अछि
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