मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

रविवार, 5 फ़रवरी 2012


गजल@प्रभात राय भट्ट

              गजल:-
एकटा स्वपनपरी हाथ लेने गुलाब छै
चन्द्रमा सन मुह पर लगौने नकाब छै
 
रौशनी नुकाबी से नकाबक ऑकाद कहाँ 
पारदर्शी चेहरा पर धेन आफताब छै
 
बिजलीक छटा सावन भादवक घटा छै
सोरह वसंतक जोवन पिने सराब छै
 
मदिरा में कहाँ जे हुनक अधर में मात
मातल जोवन रस छलकौने सराब छै
 
हुनक नयन मातली लगैछ मधुशाला
ठोरक पियाला में ओ जाम धेन वेताब छै
 
जाम पिबैलेल कतेको दीवाना बेहाल छै
रोमियो मजनू सब हाथ लेने गुलाब छै
 
हुनक जोवंक महफिल राग सजल छै
ओ श्रिंगार रासक गजल नेने किताब छै
..................वर्ण १६ ....................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें