कोइली कुहू -कुहू कुहुके हो रामा वन उपवन में
नव किसलय सँ गाछ लागल अछि
मंजरि गम -गम गमकि रहल अछि
रंग बिरंगक फुल गाछ में
प्रकृति कयल श्रृंगार हो रामा वन उपवन में ........
टिकुला सँ अछि झुकि गेल मंजरि
नेना सब हर्षित अछि घर -घर
गाछ -गाछ पर विरहिणी कोइली
कुहू -कुहू पिया कय बजाबै हो रामा वन उपवन में ....
श्वेतवसन कचनार पहिरी कय
भ्रमर आंखि केर काजर बनि कय
कामदेव क लजा रहल अछि
बढ़वय रूप हज़ार हो रामा वन उपवन में .....
महुआ गम -गम गमकि रहल अछि
नेना चहुँदिसि दौरि रहल अछि
डाली -झोरी मं अछि महुआ
गाबय चैत बहार हो रामा वन उपवन में ......
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