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शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

सासु माँ नहिं हेथिन ( एकटा पुतोहुक दर्द )

सुनय छलौंह सासु माँ होयत छथि
लेकिन ई की माँ बेटी के बदनाम करतीह
सोचने की छलौह आ भ गेल की
माँ कोना एतेक कठोर हेतीह
माँ के मन में त ममता होयत अछि
मुदा सासु माँ.............................................. ?
किछु हम कहबनि और ओ सुनथिन्ह
किछु ओ कहती और हम सुनब
लेकिन भ गेल उल्टा
जखन पता चलल कि जे ओ हमर कटटर दुश्मन छथि
अनका सॅ हमरा संग लड़य के लेल सलाह लेति छथि
घर में अगि लगेति अछि
ओकरा मिझाईल जाईत अछि
एतह हम पूरा जरईत छी
कियो मिझबय बला नहिं अछि
हमर जिनगी में आगि लागल रहत त
तापय के लेल दुश्मन के बजाबय छथि
घरक बात घर में नहिं राखि के
हुनका सभ सॅ पंचैती करबाबय छथि
आई पता चलल जे सासु कखनो
पुतोहु के लेल माँ नहिं हेतीह
सासु सासुए रहतीह
पुतोहु के बेटी नहिं कहतीह
घर के जे राज रहत से सभ सॅ कहथिन्ह
चारु तरफ सॅ घेरि के पुतोहु के मरय लेल उकसेथिन्ह
आशिक ’राज’ ( मित्र के डायरी सॅ लेल गेल अछि )

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