मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra - Dedicated to Maithili Literature & Language
सोमवार, 5 मार्च 2012
मैथिलि--काव्य: GAJAL
मैथिलि--काव्य: GAJAL: जोइड़ अपन ह्रदय अहाँ सँ तोइड़ देलहूँ सम्बन्ध जहाँ सँ रहब सदिखन संगे खेलहूँ शपति छोइड़ देलहूँ जखने पड़ल विपति मनक आश हमर मने रहिग...
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें