मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

सोमवार, 19 मार्च 2012

मऊगी के बड़ाई

भाई की कहि कोना हम रहे छी
भरिदिन त डयूटी करय छी राइतो के खटय छी
जौं किछु कहब हम हुनका
चट द कहती अहाँ की बुझय छी
साग सब्जी दुर परायत
भेटत ओहि दिन नुन मरचाई
नहिं किछु कहब त देतीह ठिठियाई
किछु कहब त लेती मुँह फुलाई
पन्द्रह दिन ओ घर चलयती
पैसा खतम क के कहती
पन्द्रह दिन आब अहुँ घर चलाबी
नहिं चलाबी त बेलुइर बनइती
सनडे दिन कहती अहीं हाथक किछु खाई
बड़ मऊगी देखलौं भाई
की कहबौ मऊगी के बड़ाई

(मित्र क डायरी स)
आशिक ’राज’

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें