की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। sadhnajnjha@gmail.com पर e-mail करी Or call to Manish Karn Mo. 91 95600 73336

शनिवार, 8 सितंबर 2012

गजल


अपहरण भेल अछि हमर किस्मतकयौ
नीक नै भेल छै लिखल पाथरक यौ

भेँटकेँ मीठ लाबा बनल छै मनुख
पेट कतबो भरै काज लेबरक यौ

तुच्छ नै होइ छै छोट सब बस्तु यौ
मोल कखनो बहुत गरल विषधरक यौ

छै मलेमास लागल अपन देशपर
कोयला नोट छीनैछ धारकक यौ

क्रोधमे दुर्दशा देख लिअ ने "अमित"
घेँट अपने कटल धार शोणितक यौ

फाइलुन चारि बेर
212-212-212-212
बहरे-रमल

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें