की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। संपर्क करी मो०/ वाट्सएप न० +91 92124 61006

रविवार, 16 सितंबर 2012

गजल

हकन नोर माए कनै छै 
तकर पुत्र मुखिया बनै छै 

कते आब बैमान बढ़लै
गरीबक टका के गनै छै 

पतित बनल नेता तँ देशक 
दुनू हाथ ओ मल सनै छै 

पएलक कियो जतय मोका 
अपन बनि कs ओहे टनै छै 

बनल  भोकना जेठरैअति
मुदा 'मनु' तँ सभटा जनै छै 

(बहरे मुतकारिब, मात्राक्रम-१२२)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें