अनकोसँ सम्बन्ध जोड़ाबै छै पाइ
छोटकाकेँ बड्डका बनाबै छै पाइ
फूसियो बिकाइ छै मोलेमे आइ तँ
सतकेँ सभतरि नुकाबै छै पाइ
ज्ञानक कनिको मोले नहि रहल
प्रवचन सभटा सुनाबै छै पाइ
नहि माए बाबू नहि भाइ बहिन
दुनियाँमे सभकेँ कनाबै छै पाइ
चिन्हार नै अनचिन्हार एहिठाम
'मनु' आइ सभकेँ हँसाबै छै पाइ
(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१३)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें