की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। संपर्क करी मो०/ वाट्सएप न० +91 92124 61006

शनिवार, 22 सितंबर 2012

गजल


अनकोसँ सम्बन्ध जोड़ाबै छै पाइ
छोटकाकेँ बड्डका बनाबै छै पाइ 

फूसियो बिकाइ छै मोलेमे आइ तँ  
सतकेँ सभतरि नुकाबै छै पाइ

ज्ञानक कनिको मोले नहि रहल  
प्रवचन सभटा सुनाबै छै पाइ 

नहि माए बाबू नहि भाइ बहिन
दुनियाँमे सभकेँ कनाबै छै पाइ 

चिन्हार नै अनचिन्हार एहिठाम 
'मनु' आइ सभकेँ हँसाबै छै पाइ 

(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१३)    


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें