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शनिवार, 1 सितंबर 2012

हजल


देखियो ई बबुआन कs केश बुझू मांथ पर की छत्ते बुझू
छथ सिकीया पहलवान मुदा पेट जनु कोनो खत्ते बुझू

अछि आगु मे चुरा दही कs पुजौर अधक्की जकाँ परसने
फूँक मारू तs ऊरता मनुख बुझू चाहे सुखेल पत्ते बुझू

कार्यक बिहून आ बाजब में छथ कने बेसिए होशियार
मजलिस लगेता सौंसे जा' रोपल जेना गोबरछत्ते बुझू

लाज शर्मक शब्दों नै बुझल ग्लानी हिनका ओतs की हेतेन
हर्ष विषाद हिनका लेल की ईहो पुरुख अलबत्ते बुझू

धोती अंगा कहिये छोरलैन जिन्सक पेन्ट चुबैत रहे छै
शहर कs ओ अंखियो नै देखल रहै मुदा कलकत्ते बुझू

बेगारी बैसल 'रूबी' लिखs चाहलक किछ लिखा गेल किछ
जनु कियो लेब अपना पर एहनो नै सबटा सत्ते बुझू

वर्ण -२२

रूबी झा

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