मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

गुरुवार, 27 सितंबर 2012

गजल


अपन छाहरिक डरसँ सदिखन पडाईत रहलौं
पता नै किया खूब हम छटपटाईत रहलौं

कियो नै सुनै गप करेजक हमर आब एतय
करेजक कहै लेल गप हडबडाईत रहलौं

अपस्याँत छी जे चिन्हा जाइ नै भीडमे हम
मनुक्खक डरे दोगमे हम नुकाईत रहलौं

अपन पीठ अपने थपथपा मजा लैत छी हम
बजा अपन थपडी सगर ओंघराईत रहलौं

कतौ भेंटलै नै सुखक बाट "ओम"क नगरमे
सुखक खोजमे बाटमे ढनमनाईत रहलौं

बहरे-मुतकारिब

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें