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शनिवार, 1 सितंबर 2012

गजल


मोनमें बसल गमकल हँसी
कोंढ में जा' क' अटकल हँसी

सांझ भिनसर परय मोन ओ
चान बनि ओत' पसरल हँसी

ठोर छल पातरे पान सन
दांत छल गचल चमकल हँसी

आँचरक खूट दाबिक' हँसै
कोन दोगे भ' ससरल हँसी

आश मोनक त' भेलै पुरण
आबि ओ निकट धमकल हँसी

२१२ २१२ २१२ सभ पांति में
रुबी झा

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