की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। संपर्क करी मो०/ वाट्सएप न० +91 92124 61006

शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

गजल


रहब आब नै दास बनि हम 
अपन नीक इतिहास जनि हम 

जखन ठानलहुँ हम अपनपर 
समुद्रो लएलहुँ तँ सनि हम 

उठा मांथ जतएसँ तकलहुँ 
दएलहुँ  तँ नक्षत्र गनि हम 

हलाहल दुनीयाँक पीने
चलै छी अपन मोन तनि हम 

जमल खून मारलक धधरा 
लएलहुँ विजय विश्व ठनि  हम

(बहरे मुतकारिब) 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें