मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

शनिवार, 30 जून 2012

गजल


कान नै अपन  देखब  कौआ खिहारब
कहु-कहु कोना आहाँ मिथिला सुधारब 

घोघ तर कनियाँ कोठी तरहक माछ
मोन होइतो कहु कियो कोना निघारब

लागल आगि जीवनक  मिझाएब कोना
की जीवन भरि खड़ेल खड़े पजारब

कहियो त ' बसब आ ककरो बसाएब
भटकैत सीथ कतेक आरो उजारब 

पानि केखनो 'मनु' पियासलो  केँ पियेब    
की बनि नादान परती पर टघारब

(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१५)
जगदानन्द झा 'मनु'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें