की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। संपर्क करी मो०/ वाट्सएप न० +91 92124 61006

गुरुवार, 7 जून 2012

गजल


मारी माछ नहि ऊपछी खत्ता
भरि समाज घोडनकेँ छत्ता 

परचट्ट बनल जनता छी 
खाइ  छी गरदनिपर कत्ता

काँकोड़  बिएल काँकोड़े  खए 
भए  गेल देशक लत्ता-लत्ता 

सगरो  नाँघल जाइत अछि 
छन छन मरीयादाकेँ हत्ता   

रहब भरोसे कतेक दिन 
भेटे एक दिन हमरो भत्ता   

(वर्ण-११)
जगदानन्द झा 'मनु' 

2 टिप्‍पणियां: