मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

बुधवार, 20 जून 2012

गजल

भरल जोवन में दुःख देलौं अपार सजाना
विरह जीनगी लगैय आब अन्हार सजना

छोड़ी हमरा पिया गेलौं परदेश जहिया सँ
फूटल तहिया सँ इ करम कपार सजना

सहि जाएत छि बैषाख जेठक गर्मी कहुना
सहल नै जइए जुवानी के गुमार सजना

अहींक वियोग में धेने छि विरहिन भेष यौ
निक लागैय नै हमरा शौख श्रृंगार सजना

चान देखैय चकोर दिल में उठेय हिलोर
टुक्रा टुक्रा भेल दिल हमर हजार सजना

मोन करैय माहुर खा छोइड दितौं दुनिया
मुदा मरहू नै दैय अहाँक पियार सजना

वर्ण-१७-
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें