मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित
काजर बुझि कय अपन आँखिमे बसा लिअमित बना कय कनीक करेजसँ लगा लिअऐना जुनि अहाँ कनखी नजरि घुमाऊआँखिक अपन करीया काजर बना लिअ
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
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