हेमंत बाबूक बेटी रोशनी,
अपन नामक अनुरूपे अपन कृतीक पताका
चारू कात लहराबति, आईएएसकेँ
परीक्षामे भारत वर्षमे प्रथम दसमे अपन स्थान अनलथि | समाचार सुनि हेमंत बाबू दुनू परानीक
प्रशन्नताक कोनो ठीकाने नहि | जे सsर
सम्बंधी आ समाजक
लोक सुनलनि सेहो सभ दौड़-दौड़ आबि हेमंत बाबूकेँ बधाइ दैत | रोशनी बड्डका जेठका सभकेँ प्रणाम करैत आशीर्वाद
लैत |
फूलो
काकी फूल जकाँ हँसैत- बजैत एलि, रोशनी हुनक दुनू पेएर पकरि आशीर्वाद लेलनि | फूलो काकी रोशनीकेँ अपन करेजासँ लगबैत टपाकसँ
बजलिह, "हे
यौ हेमंत बौआ, अहाँक
तेसर ई फेक्लाही
बेटी तँ सगरो खनदानकेँ जगमगा देलक |"
हुनकर
एहि गप्पपर सभ कियो ठहाका मारि कए हँसय लागल | मुदा हेमंत बाबू आइसँ एक्किश बर्ख पाछूक इआदमे विलीन भए
गेला - - | दूटा बेटी भेला बाद कोना ओ बेटाक
इक्षामे मंदिरे-मंदिरे
देवता पितरकेँ आशीर्वाद लेल भटकैत रहथि | मुदा हुनकर सभटा मेहनत बेकार भेलनि जखन हुनक
कनियाँक तेसर प्रसब पीड़ाकेँ बाद फूलो काकीक स्वर हुनकर कानमे परलनि, "
मार बाढ़नि तेसरो बेटीए ....."
एहिसँ
आँगा हुनका किछु नहि सुनाई देलकन्हि
| जेना की अपार दुखसँ मोनमे कोनो झटका लागल होइन,
ओ अपन जगहपर ठारकेँ ठारे रहि गेल रहथि
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जगदानन्द
झा 'मनु'
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