की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। संपर्क करी मो०/ वाट्सएप न० +91 92124 61006

शनिवार, 23 जून 2012

बाल गजल

मोन पड़ल ई कियै अनेरे बात पुरनगर बचपन के
आंखि नोरेलै मोन जड़ेलक याद रमनगर बचपन के

बचपन दाबल-गाड़ल-बिसरल यौवन के मादकता में
खोलि रहल छी खाली मोटरी बैसल असगर बचपन के

बाबुक-कनहा मायक-कोरा अनुपम झूला सन घुआ-मुआँ
ता-ता-ता थैया आर ठेहुनिया खेल छमसगर बचपन के

ठकि-फुसला क कते खुयेलइन्ह दूध-भात आ गूड़क पूआ
चंदा-मामा आर मौसी-बिलाय नेह हिलसगर बचपन के

बस फूईसक खेती द्वेषक दोषी "नवल" जुआनी निर्संतोषी
धाह जुआनिक जड़ा गेलै ओ गाछ झमटगर बचपन के

----- वर्ण - २३ -----
►नवलश्री "पंकज"◄ 
गजल संख्या--१० 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें