मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहिसँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत।

रविवार, 9 जून 2013

सियाख



"यै एकटा बात कहुँ  ।"
"की ?"
"हमर इच्छा छल जे बौआक नामकरण नवका स्टाइलमे करितौं ।"
" जेना ? फरिछाउ तँ ।"
"जेना चिन्टू, सन्टू, टिन्कू, भोलू, छोटू आदि आदि ।"
" हे अपन वेस्टर्न सऽख अपने लऽग राखू ।अपन मिथिलामे ई सियाख चलै बला नै अछि ।"
"से किए ? मैथिल वेस्टर्न ड्रेस पहिरै छथि की नै ? अंग्रेजी चलै छै की नै ?"
" बुझलौं बुझलौं ।बाजब आ ड्रेस क्षणिक होइत अछि तें आनो रीत अपना लैत छी , मुदा नाँउ तँ भरि जीवन आ मुइलाक बादो चलैत रहैत अछि ।एकरा पश्चिमीकरण नै करू ।बौआक नाँउ तँ भगवानेक नामपर राखब, उगना. . . ।"

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें