मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित Maithiliputra- Dedicated to Maithili Literature and Language
रविवार, 9 जून 2013
वंश
- मोन करैत अछि एहि बेर चारू धामक दर्शन कऽ आबितौं ।
- मोन तँ हमरो करैत अछि मुदा टाका हएत तखन ने ?
- एँ यै जकरा पट्ठा पहवान बेटा रहतै तकरा टाकाक कमी रहतै ।
- अपन बेटाक हाल कोनो अहाँसँ नुकाएल अछि ।बौआ एतबे कमाइत अछि जाहिसँ बाल बच्चाकेँ पोसि सकए ।
-एहन बेटा लऽ कऽ की हेतै जकरा एते सामर्थ नै छै जे माए-बापकेँ तीर्थाटन करबा देत ।
- यौ बेटा लऽ कऽ वंश बढ़तै ।
- एहन वंश बढ़ेलासँ कोन फायदा ? लोक बेटा जनमाबै छै जे बुढ़ारीमे सुख भेटत ।जहिया आगू वंश बढ़तै तहिया तँ अपना सब स्वर्गमे माला खटखटाबैत रहब ।एहन बेटासँ तँ बेटिये बढ़ियाँ ।कमसँ कम सेवा करबेबाक आशा तँ नै रहत ।
अमित मिश्र
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