की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। संपर्क करी मो०/ वाट्सएप न० +91 92124 61006

बुधवार, 26 जून 2013

अन्न धन

बाबा अप्पन सात बर्खक पोतासँ, “की हौ बौआ, ललन कतए गेलाह ।”
“बाबूजी तँ पूजा कए रहल छथि ।”
“ईऽऽहऽ.. खेतोपर जेता की खाली पूजे केने गुजारा भए जेतनि, पूजो पाठ एक सीमे धरि नीक होइ छै । जीवन चलै लेल रुपैया चाही आ रुपैया लेल काज करए परै छै आ घरमे जखन अन्न-धन भरल रहै छै तकर बादे पूजो पाठ नीकसँ होइत छैक ।”
बाबा एसगर बड़बड़ाइत दलान दिस चलि गेला ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें