आइ भोरे अखबारमे छपल छल एकटा बात
खसल ठनका मरल जनता काँपल हमर गात
अहाँ बदमाश बनब तँ प्रकृतियो छै बदमाश
गाछ-बिरिछ जे काटब एहिना हेतै सत्यानाश
कतौ बाढ़ि आएत आ कतौ आएत भारी भुकम्प
जन शुन्य भऽ जेतै धरती भऽ जाउ सकदम्म
मीत बनाबू प्रकृतिकेँ बनबै अहाँ खुशहाल
प्रकृति बचबऽ लेल अहाँ करू हड़ताल
अमित मिश्र
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