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बुधवार, 31 अक्टूबर 2012

परिभाषा

माएक मोन एकाएक बड खराप भऽ गेल ।गाममे एहि रोगक डाँक्टर नै छथि तँए एकटा मित्रक संग शहर एलौँ ।रवि दिन ,क्लिनिक बंद ।डाक्टर साहेबक डेरापर जाएबाक योजना बनल ।मुदा . . . ।
पिछला दू घंटासँ गली-गली भटकि रहल छी ।जालमे फँसल माछ जकाँ मोहल्ला भरिमे अहुरिया काटि रहल छी ।लोक सबसँ पूछि रहल छी ,मुदा . . .। डाँक्टर साहेबक डेरा नै भेटल ।मोन खौंझा गेल ।
मित्र बजलनि ,"जानबरसँ पूछि रहल छी तँए जबाब

नै भेटैत अछि ।"
ई सुनि एकटा लड़का रूकि गेल आ कहल ,"भाइजी एकरे नाम तँ शहर छै ।गामक लोक अगल-बगलकेँ दस गामक लोककेँ चिन्हैत अछि मुदा शहरमे बायाँ हाथ ,दायाँ हाथकेँ नै चिन्है छै ।एक फ्लैटमे जन्मदिन होइ छै आ दोसरमे श्राद्ध ,ककरोसँ कोनो मतलब नै ।शहर तँ शमसान थिक जतऽ तांत्रिक बनि लोक अपन स्वार्थपूर्तिक लेल तपस्या कऽ रहल छथि ।किओ ककरो खोज-खबरि नै लै छथि , नै तँ तपस्या भंग भऽ जेतै ।इएह तँ थिक शहरक परिभाषा ।"

इम्हर सह-सह करैत मनुखक बीच डेरा खोजबामे असमर्थ भेलहुँ आ उम्हर माएक साँसक डोर टूटल ।

सभार-www.videha.co.in

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