राति में चान उगेति अछि जेहेन लागल
दिन में फूल खिलेति अछि तेहेन लागल
पूछलहूँ अहाँ , बिना देखने कोना कहब
आइना देखू आ कहू हमर प्रेयसी केहेन लागल
स्वप्न सुंदरी क लेल
आशिक राज
दिन में फूल खिलेति अछि तेहेन लागल
पूछलहूँ अहाँ , बिना देखने कोना कहब
आइना देखू आ कहू हमर प्रेयसी केहेन लागल
स्वप्न सुंदरी क लेल
आशिक राज
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें