श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राधा कृष्ण क नोक झोंक क रूप में इ हमर बिनु रदिफक गजल :>
छोट यमुना केर निर्झर राधा गेलि नहाए
बाट पछोरल श्रीकृष्ण रहलि राधा लजाए
कहियो माँगे कान्हा ढूध दधि माखन कहियो
केलेंन हद एक दिन लेलैन चीर चोराए
मटकी फोरलैन छल सँ बाहीं झकझोरल
ओही झकझोरि में त देलैन चुरी ओ गराए
राधा रिसियाओल मनहि मन गरियाओल
कदम बृक्ष तड ओ तैयौ लेलैन अंगराए
छल हाथ चीर राधा क डाँर छल मटकी
पाछुए सँ कृष्ण देलैन मधुर बंसी बजाए
अछि अनुपम प्रेम लीला त राधे कृष्ण केर
नैन बिभोर भेल देवगन पुष्प बरसाए
आखर -१७
रूबी झा
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