मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित
अनकर घर जड़ा हाथ सेकै सभ कियो दोसरक करेजा तोरि हँसै सभ कियो अपना पर जे बिपति एलै कएखनो माथा पकडि हिचुकि-हिचुकि कनै सभ कियो
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
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