))>>राखी पर सभ छोट भाई आ बड़ भाई लेल हमर इ गजल स्नेह आ आशीष क रूप में ))>>
राखब हमर राखी केर मान यौ भैया
बसल एही ताग हमर जान यौ भैया
यौ जुनि अहाँ बुझब ताग कच्चा एकरा
बहिनक लेल अछि अभिमान यौ भैया
जेना बचोलेंन लाज द्रोपदी क कन्हैया
तहिना हमरो राखबै सम्मान यौ भैया
श्रावण माषक अछि पूनम सोहावन
चम् चम् चमकि रहल चान यौ भैया
जोहै बाट बैसल बहिन परदेश में
तोरू अहाँ एम्हरो कहियो ध्यान यौ भैया
द रहल छै आशीष छोट भैया क ''रूबी ''
बड़ सँ माँगै छी आशीषक दान यौ भैया
आखर -१५
स्व सिनेह >>रूबी झा
यौ जुनि अहाँ बुझब ताग कच्चा एकरा
बहिनक लेल अछि अभिमान यौ भैया
जेना बचोलेंन लाज द्रोपदी क कन्हैया
तहिना हमरो राखबै सम्मान यौ भैया
श्रावण माषक अछि पूनम सोहावन
चम् चम् चमकि रहल चान यौ भैया
जोहै बाट बैसल बहिन परदेश में
तोरू अहाँ एम्हरो कहियो ध्यान यौ भैया
द रहल छै आशीष छोट भैया क ''रूबी ''
बड़ सँ माँगै छी आशीषक दान यौ भैया
आखर -१५
स्व सिनेह >>रूबी झा
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