आबए छैक मजा रसिक पर कलम चलाबएसँ
बनि गेल जे गजल हुनक चौअन्नी बिहुँसाबएसँ
प्रेम होबएमे नै लगैत छैक बरख दस बरख
भ जाए छैक प्रेम बस कनेक नजैर झुकाबएसँ
जँ प्रेममे कपट होए टूटीतौ नहि लागै छैक देर
जेना टूटि जाइ छैक काँच कनीके हाथ लगाबएसँ
जँ नहि बुझि पेलौं आंखिक कोनो इशारा कहियो अहाँ
आईए की बुझब आँखिसँ हमर नोर बहाबएसँ
ताग टूटल जोरबासँ परि जाइ छैक गीरह जेना
रूबी ओझरेब ओहिना बेर बेर प्रेम लगाबएसँ
(आखर -२०)
रूबी झा
बनि गेल जे गजल हुनक चौअन्नी बिहुँसाबएसँ
प्रेम होबएमे नै लगैत छैक बरख दस बरख
भ जाए छैक प्रेम बस कनेक नजैर झुकाबएसँ
जँ प्रेममे कपट होए टूटीतौ नहि लागै छैक देर
जेना टूटि जाइ छैक काँच कनीके हाथ लगाबएसँ
जँ नहि बुझि पेलौं आंखिक कोनो इशारा कहियो अहाँ
आईए की बुझब आँखिसँ हमर नोर बहाबएसँ
ताग टूटल जोरबासँ परि जाइ छैक गीरह जेना
रूबी ओझरेब ओहिना बेर बेर प्रेम लगाबएसँ
(आखर -२०)
रूबी झा
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