की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। संपर्क करी मो०/ वाट्सएप न० +91 92124 61006

सोमवार, 30 जुलाई 2012

बाल गजल

जए दे हमरो िददी केर सासुर गै माँ 
हमहु खेबै माँछ भात आ काकुर गै माँ 

िजजा भए क संग हम खेलब कबड्डी
ब िहन संग मे पकरबै दादुर गै माँ

िददी देलकै चुप्पे िचट्ठी देबै जा िजजा क
भेन्ट करै ल िददी भेल छै आतुर गै माँ

बहला फुसला मना िजजा के ल आनब
ध िघसीया क आनब नै त पाखुर गै माँ

एना नै डान्टै हमहु आब बरका भेलौ
मुह फुला बैसै नै हो िपत्ते माहुर गै माँ

आखर~१५
रुबी झा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें