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शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

बाल-गजल


हे मए  नहि चरबै लए   गाए जेबौ हम 
पठा हमरा इस्कूल कोपी पेन लेबौ हम   

अपन भाग्य आब हम अपने सँ लिखबौ 
कुकूर जकाँ नै   माँडे तिरपीत हेबौ हम 

रोगहा-रोगहा सभ कियो  कहए हमरा
एक दिन बनि डाक्टर  रोग हरेबौ  हम

टूटल- फूटल अपन फुसक घर तोरि
सुन्नर सभ सँ पैघ महल बनेबौ हम 

हमरा कहैत अछि 'मनु' मुर्ख चरबाहा
पढि कए   सभ चरबाहा केँ पढेबौ हम 

(सरल वार्णिक बहर, वर्ण- १६)
जगदानन्द झा 'मनु'
  

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