मैथिलीपुत्र ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैथिलीपुत्र ब्लॉग मैथिली साहित्य आ भाषा लेल समर्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव jagdanandjha@gmail.com पर पठा सकैत छी। कृपया एहि ब्लॉगकेँ subscribe/ फ़ॉलो करब नहि बिसरब, जाहिसँ नव पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनिकेँ भेटैत रहत।

शनिवार, 29 दिसंबर 2012

गजल

लोक कहैत छथि जे हम छी शराबी शराब पीबै छी
कियो बात मानै नै छी छै की खराबी शराब पीबै छी

हम तँ दिन राइत घुरिआइ छी मोन पाड़ि रहि रहि
हुनकर याद आएल बात घुराबी शराब पीबै छी

एक दिन उ हमरा नजरमे बसेला प्यार जगेला
हम दिलकेँ हुनक प्यारमे दौड़ाबी शराब पीबै छी

कहियो गाछीमे बैस नयन मिलेला मोबाइलसँ बतियेला
दिन राति हुनक यादसँ अपनाकेँ सताबी शराब पीबै छी

उ अपन दुनिया बसेलाऽ हमरा पागल बनेला
हुनकर चक्करमे मुकुन्द भेलै शराबी शराब पीबै छी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें