की अहाँ बिना कोनो रूपैया-पैसा लगोने अप्पन वेपार कय लाखो रूपया महीना कमाए चाहै छी ? वेलनेस इंडस्ट्रीज़मे। संपूर्ण भारत व नेपालमे पूर्ण सहयोग। संपर्क करी मो०/ वाट्सएप न० +91 92124 61006

शनिवार, 29 दिसंबर 2012

गजल

गजल

कि लिखूँ हम गजल उमर नादान अछि
हुनकर दीवाना ई दुनिया जहान अछि

रुपकँ जलवा देखूँ लागै छथि चान सन
गोल गोल गोर गाल पूर्णिमा समान अछि

केश अहाँक रेशम सन आँखि मृग जेना
धायल भेलौँ देखिकँ होश नै ठेकान अछि
...


गुलाबी गाल पर नीक लागै ठोरक लाली
अहीँमे अटिकगेल छौड़ासभँकँ जान अछि

कमर जे लचकैये देखि मोन बहकैये
'मुकुन्द' के लागे जेना हुस्नके दोकान अछि

सरल वर्णिक बहर ,वर्ण 16
. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
. . . . . . . . .बाल मुकुन्द पाठक ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें